किला मुबारक, बठिंडा का प्राचीन किला, जो 110 ईस्वी में राजा डाब ने बनवाया था। इसे वास्तुकला का अद्भुत नमूना माना जाता है। रजिया सुल्ताना को यहाँ बंदी बनाया गया था और गुरु गोविंद सिंह ने भी यहाँ समय बिताया।
मैसर खाना मंदिर
देवी दुर्गा और देवी ज्वाला के सम्मान में बना मैसर खाना मंदिर, बठिंडा से 30 किमी दूर स्थित है। नवरात्रि के दौरान यहाँ भव्य मेले का आयोजन होता है, जहां भक्त दूर-दूर से दर्शन करने आते हैं।
तख्त श्री दमदमा साहिब गुरुद्वारा
गुरु गोविंद सिंह ने इस गुरुद्वारे में नौ महीने नौ दिन बिताए थे। यहाँ हर साल बैशाखी का मेला लगता है और निहंग सिख समुदाय का यह मुख्य केंद्र है।
बठिंडा का रोज गार्डन
बठिंडा का रोज गार्डन गुलाब की कई किस्मों के लिए मशहूर है। मानसून में यहाँ की सुंदरता और भी बढ़ जाती है, और यह पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण है।
बीर तालाब चिड़ियाघर
1978 में निर्मित बीर तालाब चिड़ियाघर में चित्तीदार हिरण, तेंदुए और पक्षियों की कई प्रजातियां देखने को मिलती हैं। यहाँ हिरण सफारी का आनंद भी लिया जा सकता है।
पंजाब का झीलों का शहर
बठिंडा, पंजाब का “झीलों का शहर” है, जिसमें मानव निर्मित पाँच झीलें हैं। ये झीलें इस शहर की प्राकृतिक खूबसूरती को और भी बढ़ा देती हैं।
लखी जंगल
लखी जंगल बठिंडा में एक घना और शांतिपूर्ण जंगल है, जहाँ पर्यटक प्रकृति के करीब आ सकते हैं। यह वन्य जीवन और प्राकृतिक सुंदरता का अद्भुत संगम है।
गुरुद्वारा नानकसर सरोवर
गुरुद्वारा नानकसर सरोवर गुरु नानक देव जी से जुड़ा है। इस पवित्र सरोवर के दर्शन से मन को शांति मिलती है और यह धार्मिक महत्व का स्थान है।
गुरुसर सरोवर
गुरु तेग बहादुर जी के आदेश पर बने गुरुसर सरोवर में स्नान करने से मन की शांति और शुद्धता मिलती है। यह स्थान धार्मिक श्रद्धालुओं के लिए पवित्र है।
बठिंडा के प्रसिद्ध महल
किला अंदरून के भीतर स्थित मोती महल, शीश महल, और चांद का महल जैसे महल, पटियाला राजपरिवार की शाही जीवनशैली को दर्शाते हैं। ये महल बठिंडा की शान हैं।