Trump Exposed – India Destroys Trump Hypocrisy on Global Stage

अगर दोगलेपन और गिरगिट की तरह रंग बदलने के लिए कोई ऑस्कर या नोबेल पुरस्कार होता, तो एक शख्स के पास इतने अवॉर्ड होते कि रखने के लिए घर छोटा पड़ जाता! और वो शख्स कोई और नहीं, बल्कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प हैं! लेकिन इस बार उनके दोगलेपन का सामना उस देश से हुआ, जिसने एक ही जवाब में पूरी दुनिया के सामने उनकी बोलती बंद कर दी!

ट्रम्प को लगा था कि वो भारत को धमकी देकर, डराकर अपने इशारों पर नचा लेंगे! लेकिन वो शायद भूल गए थे कि ये 1971 वाला नहीं, बल्कि 2024 का नया भारत है!

आज मैं आपको वो कहानी बताऊंगा, जब भारत ने अमेरिका के मुँह पर एक ऐसा तमाचा मारा कि उसकी गूंज व्हाइट हाउस तक सुनाई दी! भारत ने दुनिया के सामने अमेरिका का वो कौन सा कच्चा-चिट्ठा खोल दिया, जिसे सुनकर आपके भी होश उड़ जाएंगे!

आखिर क्यों ट्रम्प भारत-पाकिस्तान के बीच शांतिदूत बनने का ढोंग कर रहे थे? उन्हें ऐसा क्या चाहिए था जिसके लिए वो भारत को किसी भी हद तक झुकाने को तैयार थे? इसका राज़ उनकी नोबेल प्राइज़ की भूख में छिपा है!
और जब भारत ने उनकी एक न सुनी, तो ट्रम्प ने भारत को ब्लैकमेल करने के लिए यूक्रेन में हो रही मौतों का ज़िम्मेदार ठहरा दिया! लेकिन भारत के एक जवाब ने इस पूरे खेल को ही पलट कर रख दिया!
क्या आप यकीन करेंगे कि जो अमेरिका भारत को रूस से तेल खरीदने पर ज्ञान दे रहा था, वो खुद पर्दे के पीछे क्या खेल खेल रहा था? भारत ने एक ही बयान में पश्चिमी देशों के पाखंड का पर्दाफाश कर दिया!

कहानी शुरू होती है ट्रम्प के एक दावे से! उन्होंने एक नहीं, दो नहीं, बल्कि 36 बार ये दावा किया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच जंग रुकवाई! असल में, उन्हें बस किसी भी तरह शांति का नोबेल पुरस्कार चाहिए था!

लेकिन असली खेल तब शुरू हुआ जब बात रूस से तेल खरीदने की आई! ट्रम्प ने टीवी पर आकर कहा, “देखो, भारत मेरी धमकियों से डर गया! उसने रूस से तेल खरीदना बंद कर दिया!” उन्हें लगा कि भारत उनके सुपरपावर होने के भ्रम में फंस जाएगा!

लेकिन 4 अगस्त को भारत के विदेश मंत्रालय ने एक ऐसा बयान जारी किया, जिसने ट्रम्प के सारे घमंड को चकनाचूर कर दिया! भारत ने न सिर्फ ये बताया कि हम रूस से तेल खरीद रहे हैं, बल्कि ये भी बता दिया कि खुद अमेरिका और यूरोप रूस के साथ अरबों का व्यापार कर रहे हैं!

ये दोगलापन नहीं तो और क्या है? कि आप खुद तो रूस से व्यापार करें और भारत को नैतिकता का पाठ पढ़ाएं! भारत ने साफ़ कर दिया कि ये दोगली नौटंकी अब नहीं चलेगी!
और सबसे बड़ा राज़ तो तब खुला जब अमेरिका के ही एक पूर्व राजदूत ने ये कबूल किया कि अमेरिका ने खुद भारत को रूसी तेल खरीदने के लिए प्रोत्साहित किया था ताकि दुनिया में तेल की कीमतें स्थिर रहें! सोचिए, कितना बड़ा धोखा!
मतलब अमेरिका का हाल तो उस पड़ोसी जैसा है, जो खुद रात भर पार्टी करे और सुबह आपको शोर मचाने के लिए लेक्चर दे! भारत ने इसी पाखंड को दुनिया के सामने नंगा कर दिया!

भारत का जवाब सिर्फ एक बयान नहीं था! ये उस अमेरिका को उसकी औकात याद दिलाना था जो 1971 की जंग में भारत के खिलाफ पाकिस्तान के साथ खड़ा था! जब अमेरिका ने अपना 7वां बेड़ा भारत को डराने भेजा था, तब यही रूस हमारे साथ खड़ा था!

भारत ने याद दिलाया कि हम अपने दोस्त नहीं भूलते और न ही दुश्मनों की चालें! दोस्ती की आड़ में ब्लैकमेल करने की कोशिश करोगे तो मुंह की खानी पड़ेगी!

भारत ने साफ़ कर दिया कि रूसी तेल खरीदना हमारी मजबूरी नहीं, बल्कि हमारी ताकत है! ये हमारी ऊर्जा सुरक्षा और 140 करोड़ भारतीयों के हितों का सवाल है! इससे हमारी अर्थव्यवस्था को सहारा मिलता है और महंगाई नियंत्रण में रहती है!

Read Also  ट्रम्प का सबसे बड़ा धोखा! | Modi's Secret Revenge Story | India US Trade War | The Untold Truth

सोचिए, अगर भारत रूस से सस्ता तेल न खरीदे, तो पेट्रोल-डीजल के दाम कहाँ पहुँच जाएंगे? इसका असर सीधा आपकी और मेरी जेब पर पड़ेगा! मोदी सरकार ने देश के हित को सबसे ऊपर रखा!

ट्रम्प को लगा था कि वो भारत को सुपरपावर का डर दिखाकर झुका लेंगे, लेकिन भारत ने बता दिया कि हम किसी के दबाव में अपनी विदेश नीति तय नहीं करते! हमारी नीति है- इंडिया फर्स्ट!

आपको जानकर हैरानी होगी कि जब भारत पर रूस से तेल खरीदने का दबाव बनाया जा रहा था, उसी दौरान यूरोपीय संघ का रूस के साथ व्यापार भारत से कई गुना ज़्यादा था! वो रूस से सिर्फ तेल ही नहीं, बल्कि गैस, लोहा और मशीनरी भी खरीद रहे थे!

ये वो सच्चाई है जिसे पश्चिमी मीडिया कभी नहीं दिखाता! वो हमेशा भारत को एक ऐसे देश के रूप में दिखाने की कोशिश करते हैं जिसे कोई भी झुका सकता है! लेकिन अब वो दौर चला गया!
भारत ने अमेरिका को ये भी याद दिलाया कि जब हमने अपना परमाणु परीक्षण किया था, तो सबसे ज़्यादा प्रतिबंध इसी अमेरिका ने लगाए थे! और आज वही अमेरिका हमें दोस्ती का वास्ता देकर ब्लैकमेल करना चाहता है!
ट्रम्प की हालत उस बच्चे जैसी हो गई, जो पहले आपको खेलने से मना करे और फिर जब आप जीत रहे हों तो रोने लगे! भारत ने साफ़ कह दिया- ये दादागिरी कहीं और जाकर दिखाना!

भारत का ये कड़ा रुख सिर्फ ट्रम्प के लिए नहीं था! ये चीन से लेकर हर उस देश के लिए एक संदेश था जो भारत को कम आंकने की गलती करता है! भारत अब रक्षात्मक नहीं, बल्कि आक्रामक होकर अपने हितों की रक्षा करता है!

भारत और रूस की दोस्ती सिर्फ तेल और हथियारों तक सीमित नहीं है! ये दशकों पुरानी और समय की कसौटी पर खरी उतरी दोस्ती है! जब भी भारत पर संकट आया, रूस हमेशा एक चट्टान की तरह हमारे साथ खड़ा रहा!

इसके विपरीत, अमेरिका का इतिहास भारत के साथ धोखेबाजी से भरा रहा है! चाहे वो पाकिस्तान को हथियार देना हो या भारत पर प्रतिबंध लगाना हो! ऐसे में भारत अमेरिका की धमकियों से क्यों डरेगा?

तो आखिर में हुआ क्या? भारत ने रूस से तेल खरीदना जारी रखा, अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत किया और पूरी दुनिया को दिखा दिया कि भारत एक स्वतंत्र और शक्तिशाली राष्ट्र है जो अपने फैसले खुद लेता है!

ट्रम्प का सुपरपावर वाला घमंड और नोबेल प्राइज़ का सपना, दोनों ही टूटकर बिखर गए! उन्हें समझ आ गया कि भारत को कठपुतली समझने की भूल अब कोई नहीं कर सकता!

क्या आपको लगता है कि अगर आज ट्रम्प की जगह कोई और भी अमेरिकी राष्ट्रपति होता, तो भारत का जवाब यही होता? भारत की इस नई और निडर विदेश नीति के पीछे की असली ताकत क्या है?

पर्दे के पीछे, भारत ने अपनी कूटनीतिक ताकत को इतना मजबूत कर लिया है कि आज दुनिया की कोई भी बड़ी शक्ति भारत को नज़रअंदाज़ नहीं कर सकती! G20 की सफल अध्यक्षता इसका सबसे बड़ा प्रमाण है!

भारत ने दुनिया को दिखा दिया है कि हम शांति चाहते हैं, लेकिन अपनी शर्तों पर! हम दोस्ती का हाथ बढ़ाते हैं, लेकिन आत्मसम्मान से कोई समझौता नहीं करते!

ट्रम्प का ये एपिसोड दुनिया के लिए एक केस स्टडी बन गया है कि नए भारत से कैसे बात की जाती है! अब दुनिया समझ रही है कि भारत से दोस्ती करनी है तो बराबरी का सम्मान देना होगा!

कल्पना कीजिए, अगर भारत अमेरिका के दबाव में आ जाता तो क्या होता? हमारी अर्थव्यवस्था चरमरा जाती, महंगाई आसमान छू रही होती और दुनिया में हमारा सम्मान खत्म हो जाता!
एक दिलचस्प तथ्य ये भी है कि भारत रूस से खरीदे गए कच्चे तेल को रिफाइन करके यूरोप और अमेरिका को ही बेचता है, जिससे भारत को भी भारी मुनाफा होता है! इसे कहते हैं कूटनीतिक मास्टरस्ट्रोक!
ये भारत की बढ़ती ताकत और आत्मविश्वास का प्रतीक है! हम न केवल अपनी ज़रूरतों को पूरा कर रहे हैं, बल्कि वैश्विक बाज़ार में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में भी उभर रहे हैं!

Read Also  Trump Ka Bhasmasur Plan | US Economy Crash Secret | Family's Greed | India's Bold Move

और सबसे बड़ा ट्विस्ट ये है कि आज वही अमेरिका भारत के साथ अपने रिश्ते मजबूत करने के लिए बेताब है, क्योंकि वो जानता है कि चीन को रोकने के लिए उसे भारत की ज़रूरत है! समय का चक्र देखिए!

सच तो ये है कि भारत ने दुनिया को एक नया रास्ता दिखाया है! एक ऐसा रास्ता जहाँ आप किसी गुट का हिस्सा बने बिना, अपने देश के हितों को सर्वोपरि रखते हुए सबसे अच्छे संबंध बना सकते हैं!

भारत की ये नीति ‘सबका साथ, सबका विकास’ के सिद्धांत पर आधारित है, जो अब वैश्विक मंच पर भी सफल हो रही है! ये एक ऐसी ताकत है जिसे कोई धमकी या दबाव झुका नहीं सकता!

भारत ने साफ़ संदेश दे दिया है- दोस्त हो तो दोस्त बनकर रहो, मालिक बनने की कोशिश मत करो! हम धमकियों से नहीं, दोस्ती से रिश्ते निभाते हैं! और जो देश हमारी संप्रभुता का सम्मान करेगा, हम उसके साथ खड़े रहेंगे!

अब सवाल यह उठता है कि क्या भविष्य में अमेरिका फिर से भारत पर दबाव बनाने की कोशिश करेगा? और अगर ऐसा हुआ, तो भारत का अगला कदम क्या होगा, जो दुनिया को एक बार फिर चौंका देगा?
ये सिर्फ विदेश नीति नहीं, ये एक माइंड गेम है, और इस खेल में नया भारत अब माहिर हो चुका है! हम जानते हैं कि कब झुकना है और कब झुकाना है!
सोचिए, एक तरफ अमेरिका है जो अपने दोस्तों को भी धमकाता है! दूसरी तरफ भारत है जो मुश्किल समय में भी अपने दोस्तों का साथ नहीं छोड़ता! दुनिया अब देख रही है कि असली दोस्त कौन है!

भारत का ये कदम सिर्फ एक व्यापारिक फैसला नहीं था, ये एक ऐलान था! ये ऐलान था एक नए विश्व व्यवस्था का, जहाँ भारत एक अग्रणी भूमिका निभाएगा!

ये अकल्पनीय है कि जिस देश को कुछ दशक पहले तक तीसरी दुनिया का देश कहा जाता था, आज वो दुनिया की सबसे बड़ी ताकतों की आँखों में आँखें डालकर बात कर रहा है!

हमने वो कर दिखाया है जो पहले कभी नहीं देखा गया! हमने पश्चिमी देशों के वर्चस्व को चुनौती दी है और एक मल्टीपोलर दुनिया की नींव रखी है!

ये बात भारत के दुश्मनों के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं है! वो जानते हैं कि एक आत्मविश्वासी और शक्तिशाली भारत को रोक पाना अब नामुमकिन है!

ये कहानी असंभव लगती है, लेकिन सच है! ये कहानी है भारत के स्वाभिमान की, भारत की हिम्मत की, और भारत के उस जज्बे की जो किसी भी चुनौती के सामने झुकता नहीं!

ये सरकार की विदेश नीति का ही कमाल है कि आज देश में ऊर्जा की कीमतें नियंत्रण में हैं और देश तरक्की के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है! ये हर भारतीय के लिए गर्व की बात है!

जब आप अपने देश को वैश्विक मंच पर इस तरह से मजबूती से खड़ा देखते हैं, तो दिल में एक अलग ही खुशी और गर्व महसूस होता है! ये वो नया भारत है जिसका सपना हम सबने देखा था!

भारत का ये जवाब सिर्फ एक कूटनीतिक जीत नहीं है, ये 140 करोड़ भारतीयों के सम्मान की जीत है! भारत की इस निडरता पर आपकी क्या राय है? कमेंट्स में अपनी राय ज़रूर बताएं और गर्व से लिखें- जय हिन्द!

Latest Update

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

HomeMain PostTrump Exposed - India Destroys Trump Hypocrisy on Global Stage