तेजस Mk1A: HAL को तेजस Mk1A के लिए चौथा GE-F404 इंजन मिल गया है, जिससे IAF को जल्द ही दो जेट मिलेंगे। HAL को GE से कुल 99 इंजन मिलने हैं। 2021 के अनुबंध के तहत, पहले दो तेजस Mk1A विमान जल्द ही IAF को सौंपे जाएंगे। HAL का लक्ष्य 2027 से हर साल 24 तेजस Mk1A विमान देना है। हाल ही में, सुरक्षा पर कैबिनेट समिति ने 97 अतिरिक्त तेजस Mk1A विमानों की खरीद को मंजूरी दी, जिससे कुल संख्या 180 के करीब पहुंच गई। IAF ने पहले ही 83 विमानों का ऑर्डर दिया था। यह कार्यक्रम MiG-21 जैसे पुराने विमानों को बदलने में मदद करेगा और भारत को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाएगा।
Highlights
ज़रूर, यहाँ लेख के मुख्य अंश बुलेट बिंदुओं में दिए गए हैं:
- तेजस Mk1A के लिए HAL को चौथा GE-F404 इंजन मिला: इससे भारतीय वायुसेना (IAF) को जल्द ही दो जेट विमान मिलेंगे।
- 2027 से हर साल 24 विमानों की डिलीवरी का लक्ष्य: HAL का लक्ष्य 2027 से प्रति वर्ष 24 तेजस Mk1A विमानों की डिलीवरी करना है।
- कुल 99 इंजन की सप्लाई का सौदा: GE, HAL को कुल 99 इंजन सप्लाई करेगा, जिसमें से यह चौथा इंजन है।
- HAL की तीसरी प्रोडक्शन लाइन: नासिक में तीसरी प्रोडक्शन लाइन शुरू की गई है, जिससे सालाना 8 विमान बनाने की क्षमता है।
- 97 अतिरिक्त तेजस विमानों की खरीद को मंजूरी: कैबिनेट कमिटी ऑन सिक्योरिटी ने 97 अतिरिक्त तेजस Mk1A विमानों की खरीद को मंजूरी दी है।
- IAF की स्क्वाड्रन ताकत को बहाल करने में महत्वपूर्ण: तेजस Mk1A कार्यक्रम IAF की स्क्वाड्रन ताकत को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
- आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम: HAL के चेयरमैन ने इसे आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम बताया है।
तेजस Mk1A: भारत के आसमान की नई ताकत – एक विस्तृत विश्लेषण
अंतिम अद्यतन: 1 अक्टूबर, 2025, 14:17 IST
भारतीय वायुसेना (IAF) के लिए एक बड़ी खुशखबरी है! हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने स्वदेशी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) तेजस Mk1A के लिए चौथा GE-F404 इंजन प्राप्त कर लिया है। यह इंजन अमेरिका की जीई एयरोस्पेस द्वारा बनाया गया है। इस महत्वपूर्ण घटनाक्रम से तेजस Mk1A का उत्पादन तेजी से बढ़ने की उम्मीद है, जिससे IAF की ताकत में महत्वपूर्ण वृद्धि होगी।
“यह सिर्फ एक इंजन नहीं है, यह भारत के आत्मनिर्भरता के सपने को उड़ान देने वाला पंख है।”
तेजस Mk1A: क्यों है यह खास?
तेजस Mk1A एक चौथी पीढ़ी का हल्का लड़ाकू विमान है, जो भारतीय वायुसेना की रीढ़ बनने की क्षमता रखता है। इसकी कुछ खास बातें:
- स्वदेशी डिजाइन और विकास: तेजस पूरी तरह से भारत में डिजाइन और विकसित किया गया है, जो “मेक इन इंडिया” पहल को बढ़ावा देता है।
- एडवांस्ड फीचर्स: इसमें एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड एरे (AESA) रडार, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट और बियॉन्ड विजुअल रेंज (BVR) मिसाइलें शामिल हैं।
- बहुमुखी क्षमता: तेजस हवा से हवा में मार करने, जमीन पर हमला करने और समुद्री भूमिकाओं सहित विभिन्न प्रकार के मिशनों को पूरा करने में सक्षम है।
HAL को मिला चौथा इंजन: क्या हैं मायने?
HAL को चौथा GE-F404 इंजन मिलना एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है क्योंकि:
- उत्पादन में तेजी: यह इंजन तेजस Mk1A के उत्पादन को गति देगा, जिससे IAF को समय पर विमान मिल सकेंगे।
- IAF की ताकत में वृद्धि: तेजस Mk1A IAF की लड़ाकू क्षमता को बढ़ाएगा और उसे आधुनिक खतरों से निपटने में सक्षम बनाएगा।
- आत्मनिर्भरता की ओर कदम: यह भारत को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में एक कदम और आगे ले जाएगा।
GE-F404 इंजन: तेजस की शक्ति का स्रोत
GE-F404 इंजन एक शक्तिशाली और विश्वसनीय इंजन है, जो तेजस Mk1A को उच्च प्रदर्शन प्रदान करता है। इसकी कुछ विशेषताएं:
- उच्च थ्रस्ट: यह इंजन 84 किलो न्यूटन का थ्रस्ट उत्पन्न करता है, जो तेजस को सुपरसोनिक गति से उड़ान भरने में सक्षम बनाता है।
- एडवांस्ड टेक्नोलॉजी: इसमें एडवांस्ड टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है, जो इसे हल्का और कुशल बनाता है।
- आसान रखरखाव: इस इंजन का रखरखाव आसान है, जिससे परिचालन लागत कम होती है।
इंजन आपूर्ति समझौता: एक नजर
2021 में, भारत और जीई एयरोस्पेस के बीच 716 मिलियन डॉलर (लगभग 5,375 करोड़ रुपये) का एक समझौता हुआ था, जिसके तहत जीई HAL को कुल 99 इंजन सप्लाई करेगा। यह चौथा इंजन उसी समझौते का हिस्सा है। हालांकि, आपूर्ति श्रृंखला की समस्याओं के कारण डिलीवरी में देरी हुई, लेकिन अब गति पकड़ ली है।
- कुल इंजन: 99
- समझौते की राशि: 716 मिलियन डॉलर (लगभग 5,375 करोड़ रुपये)
- देरी का कारण: आपूर्ति श्रृंखला समस्याएं
“देरी से निराशा हो सकती है, लेकिन यह भी याद रखना चाहिए कि हर बड़ी उपलब्धि में बाधाएं आती हैं।”
उत्पादन लक्ष्य: 2027 तक 24 विमान प्रति वर्ष
HAL का लक्ष्य 2027 से सालाना 24 तेजस Mk1A विमानों की डिलीवरी करना है। इसके लिए HAL ने नासिक में एक नई उत्पादन लाइन भी शुरू की है, जो बेंगलुरु की दो मौजूदा लाइनों के अतिरिक्त है।
- वार्षिक उत्पादन लक्ष्य (2027 से): 24 विमान
- नई उत्पादन लाइन: नासिक
- नासिक उत्पादन लाइन की क्षमता: सालाना आठ विमान
97 और तेजस Mk1A विमानों की खरीद को मंजूरी
हाल ही में, कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) ने 97 अतिरिक्त तेजस Mk1A विमानों की खरीद को मंजूरी दी है, जिससे कुल संख्या 180 के करीब पहुंच गई है। यह IAF के लिए एक बड़ी राहत है, क्योंकि उसे अपनी स्क्वाड्रन ताकत को बनाए रखने में मदद मिलेगी।
- अतिरिक्त विमानों की संख्या: 97
- कुल तेजस Mk1A विमान: लगभग 180
“यह सिर्फ विमानों की संख्या नहीं है, यह भारत की रक्षा क्षमताओं में आत्मविश्वास का प्रतीक है।”
तेजस कार्यक्रम का महत्व
तेजस कार्यक्रम IAF की स्क्वाड्रन ताकत को बहाल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, खासकर MiG-21 जैसे पुराने विमानों के 2025 तक चरणबद्ध हटने के बीच। कुल 352 विमानों (Mk1A और Mk2) की योजना है, जहां Mk2 जीई F414 इंजन से चलेगा, जिसके लिए 80 फीसदी तक टेक्नोलॉजी ट्रांसफर पर बात चल रही है।
- कुल विमानों की योजना: 352 (Mk1A और Mk2)
- MiG-21 का चरणबद्ध हटना: 2025 तक
- Mk2 इंजन: जीई F414
“तेजस कार्यक्रम सिर्फ एक रक्षा परियोजना नहीं है, यह भारत के युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है।”
आत्मनिर्भर भारत: एक मजबूत संकल्प
HAL के चेयरमैन डीके सुनील ने इसे आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम बताया है। उनका कहना है कि तेजस कार्यक्रम भारत को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देगा।
“आत्मनिर्भरता एक यात्रा है, और तेजस इस यात्रा में एक महत्वपूर्ण पड़ाव है।”
तेजस Mk1A: आगे की राह
तेजस Mk1A कार्यक्रम भारत के रक्षा क्षेत्र के लिए एक उज्ज्वल भविष्य का वादा करता है। HAL और IAF को मिलकर काम करना होगा ताकि इस कार्यक्रम को सफल बनाया जा सके और भारत को एक मजबूत और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाया जा सके।
- अक्टूबर तक पहली डिलीवरी की उम्मीद
- तीन यूनिट अंतिम ट्रायल का इंतजार कर रही हैं
आप क्या कर सकते हैं?
- भारतीय वायुसेना को शुभकामनाएं दें: उनकी सुरक्षा और सफलता के लिए प्रार्थना करें।
- “मेक इन इंडिया” का समर्थन करें: स्वदेशी उत्पादों को खरीदें और भारत को आत्मनिर्भर बनाने में योगदान करें।
- इस जानकारी को साझा करें: दूसरों को भी तेजस कार्यक्रम के बारे में बताएं।
निष्कर्ष:
तेजस Mk1A भारत के लिए एक गर्व का क्षण है। यह भारत की तकनीकी क्षमता और आत्मनिर्भरता के संकल्प का प्रतीक है। हमें उम्मीद है कि यह विमान भारतीय वायुसेना को और मजबूत बनाएगा और भारत को एक सुरक्षित और समृद्ध राष्ट्र बनाने में मदद करेगा।
कॉल टू एक्शन (CTA):
भारत को आत्मनिर्भर बनाने में अपना योगदान दें! “मेक इन इंडिया” का समर्थन करें और तेजस जैसे स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा दें।